कम बजट में वैष्णो देवी यात्रा करने की पूरी जानकारी

भारत में आस्था और भक्ति के लिए यात्रा का बहुत महत्व है। यहां कई बड़े तीर्थ धाम हैं जहां श्रद्धालु जाकर अपने ईष्ट की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। कुछ तीर्थ धाम तक जाना आसान है तो कुछ तीर्थों के लिए कठिन चढ़ाई करनी पड़ती है। इन्हीं कठिन यात्राओं में से एक मानी जाने वाली यात्रा है माता वैष्णो देवी की यात्रा। जहां जाने का सपना हर भक्त देखता है। माता वैष्णो का यह दरबार साल भर भक्तों की भीड़ से भरा रहता है। ख़ासकर नवरात्रि और नए साल पर के मौके पर यहां दर्शन के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ती हैं। देश-विदेश के हर कोने से आए भक्त यहां मां वैष्णो देवी के दर्शन करते हैं। तो आइए आज के इस लेख में हम आपको वैष्णो देवी यात्रा से जुड़ी पूरी जानकारी बताएंगे, यहां आप कैसे जा सकते हैं, कब वैष्णो देवी की यात्रा कर सकते हैं, कम बजट में कैसे वैष्णो देवी जा सकते हैं, वैष्णो देवी जाने का बेहतर मार्ग क्या है यह सब बातों की जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।

क्या है वैष्णो देवी का इतिहास

माता वैष्णो देवी का मंदिर जम्मू- कश्मीर में हिमालय के त्रिकुट पहाड़ियों में स्थित है। जहां मुख्य मंदिर है उस भवन के सबसे नज़दीकी शहर कटरा है। कटरा शहर होकर ही माता वैष्णो देवी के के दर्शन के लिए जाना पड़ता है। माना जाता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में माता पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में मनुष्य का भला करने के लिए एक सुंदर राजकुमारी के रूप में अवतार लिया था और त्रिकुटा पर्वत पर गुफा में तपस्या की। जब समय आया तब उनका शरीर तीन दिव्य ऊर्जाओं के छोटे रूप में बदल गए। जो कि आज भी यहां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के पिंडी रूप में वैष्णो देवी में स्थित है।

वैष्णो देवी में पैदल कितना चलना पड़ता है

माता वैष्णो देवी का रख-रखाव श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है। भक्तों को परेशानी न हो इसलिए माता वैष्णो देवी की चढ़ाई कटरा से शुरू होती है। आप को कटरा होकर ही माता वैष्णो देवी के दरबार जाना पड़ेगा। यह शहर माता वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेस कैंप माना जाता है। कटरा से मंदिर की दूरी करीबन 14 किलोमीटर की है। जिसे आप पैदल 5 से 8 घंटे में ये दूरी तय कर सकते हैं हालांकि ये आपके चलने की स्पीड पर निर्भर करता है। इसके अलावा आप यहां पालकी और खच्चर की मदद से भी जा सकते हैं। आप चाहे तो हेलीकॉप्टर सर्विस भी ले सकते हैं लेकिन यह सर्विस संजी छत तक ही जाती है उसके आगे लगभग 2.5 किलोमीटर पैदल या पालकी से  जाना पड़ता है।

वैष्णो देवी की चढ़ाई कैसे करें
कटरा से यात्रा शुरू करने के बाद आपको रास्ते में सबसे पहले बाणगंगा के दर्शन होंगे। कहा जाता है कि यहीं पर माता ने अपने बाल धोने के लिए गंगा जल को लाने के लिए धरती में बाण मारा था जिसके बाद से इस जगह को बाण गंगा के नाम से जाना जाता है।  अगर आपको चढ़ाई चढ़ने में परेशानी होती है तो आप बाणगंगा के बाजारों से लाठी ले सकते हैं। जो कि 20 रुपये से लिए 50 रुपये में मिल जाते हैं। लाठी की मदद से चढ़ाई चढ़ने में काफी आसानी होती है।

आप चाहे तो बाणगंगा में स्नान कर सकते हैं। बाणगंगा से आगे बढ़ने पर चेक पॉइंट पर यात्रा पर्ची चेक करवानी होगी। जिसके बाद आपकी यात्रा शुरू हो जाएगी। चढ़ाई के दौरान रास्ते में खाने-पीने की सेवा उपलब्ध है। यहां कई दुकानें हैं जहां से आप घर ले जाने के लिए अखरोट और प्रसाद ले सकते हैं। साथ ही चाय, मैगी इत्यादि खा सकते हैं।

थोड़ा आगे चलने पर चरणपादुका मंदिर देखने को मिलेगा, मान्यता है कि यहां माता के चरणों के निशान है। यहां दर्शन करके ही भक्त आगे की यात्रा करते हैं। लगभग आधी चढ़ाई चढ़ने पर आपको माता अर्धकुवारी का मंदिर मिलेगा। इसे गर्भ जून मंदिर भी कहा जाता है, यह मंदिर एक प्राचीन गुफा में है। आपको बस रेंगते हुए इस गर्भ गुफा से गुजरना होता है।

मान्यता की जब भैरोनाथ माता वैष्णो देवी का पीछा कर रहा था तो माता वैष्णवी ने छोटे बच्चे की तरह इस गुफा में 9 महीने गुजारे थे। अगर आप थक जाए तो यहां आराम कर सकते हैं। यहां आराम करने के लिए कंबल आदि की सुविधा भी उपलब्ध है। यही नहीं अब अर्ध कुंवारी भवन के से एक नया रास्ता माता वैष्णो देवी के मंदिर तक बनाया गया है। यह पुराने रास्ते के मुकाबले चलने में आसान है। यहां घोड़े और खच्चर के बीच से आपको गुजर कर नहीं चलना पड़ेगा। इस रास्ते से आप 3 किलोमीटर की और चढ़ाई चढ़ सीधा माता के दरबार पहुंच जाते हैं।

दुधिया रौशनी में से जगमग, ऊँचे पहाड़ो के बीच सजा माता का मंदिर आपकी सारी थकान मिटा देगा। यहां कई लोग दर्शन से पहले स्नान करते हैं। आप यहां पास की साइन बोर्ड दुकान से भवन में चढ़ाने के लिए प्रसाद ले सकते हैं।

दर्शन करने के लिए आपको लाइन में लगकर आप सीधा भवन में जा सकते हैं। माता वैष्णो देवी गुफा के अन्दर पिंडी रूप में विराजमान है। पुरानी गुफा का रास्ता अब बंद कर दिया गया है। इसलिए आप नई बनाई गई गुफा से होते हुए माता के पिंडी रूप के दर्शन कर सकते हैं।

वैष्णो देवी के दर्शन करके आप 108 सीढ़ी नीचे उतरकर शिव गुफा के दर्शन भी कर सकते हैं। इसके बाद भैरो बाबा के दर्शन करने के लिए आपको आगे बढ़ना होता है। मान्यता है कि बिना भैरो बाबा के दर्शन किए यात्रा अधूरी मानी जाती है। इसलिए आप 3 किलोमीटर की इस यात्रा को पालकी या रोपवे के जरिए भी पूरी कर सकते हैं। आप सीढ़ियों से भी चढ़ाई कर के भी भैरो बाबा के दरबार तक पहुंच सकते हैं। भैरो के दर्शन करके आपकी यात्रा पूरी होती है। आप इसी रास्ते से आप खरीदारी करते हुए नीचे कटरा वापस आ सकते हैं।

https://youtu.be/rL9s7aP-qKU?si=EtllmtbbvHeVneL5

कैसे जाएं वैष्णो देवी

वैष्णो देवी जाने के लिए देश के हर हिस्से से ट्रेन, फ्लाइट और बस की सुविधा उपलब्ध है। आप जम्मू तवी या सीधा कटरा उतरकर मंदिर के लिए आ सकते हैं।

फ्लाइट से कैसे जाएं

अगर आप फ्लाइट से वैष्णो देवी की यात्रा करने का प्लान कर रहे हैं तो आपको इसके जम्मू आना होगा। जम्मू का रानीबाग एयरपोर्ट वैष्णो देवी के सबसे नजदीकी एयरपोर्ट में से है। जम्मू से सड़क मार्ग के जरिए वैष्णो देवी के बेस कैंप कटरा पहुंचा जा सकता है जो करीबन 50 किलोमीटर दूर है। जम्मू से आप बस या टैक्सी के द्वारा कटरा जा सकते हैं और वहां से अपनी यात्रा पैदल, हैलीकॉप्टर या खच्चर, पालकी द्वारा तय कर सकते हैं।

रेल से कैसे जाएं

अगर आप ट्रैन से वैष्णो देवी आना चाहते हैं तो आप दिल्ली या किसी भी शहर से जम्मू तवी या सीधा कटरा तक आ सकते हैं।

दिल्ली से आने वाले तमाम यात्री जम्मू राजधानी और श्री शक्ति एक्सप्रेस में रिजर्वेशन करवा सकते हैं। इसके साथ ही सराय रोहिल्ला स्टेशन से दूरंतो एक्सप्रेस और पुरानी दिल्ली से जम्मू मेल ट्रेन का ऑपशन भी मौजूद हैं। अगर आप मुंबई से आ रहे हैं तो आप माता स्वराज एक्सप्रेस, बांद्रा जम्मूतवी एसी एक्सप्रेस और विवेक एक्सप्रेस ट्रेनों ले सकते हैं।

सड़क से कैसे जाएं

अगर आप सीधा सड़क से वैष्णो देवी की यात्रा करना चाहते हैं तो आप दिल्ली या जम्मू तवी से कर सकते हैं। इसमें आपको 12-13 घंटे का समय लगेगा। साथ ही आप खूबसूरत वादियों को देखते हुए इस यात्रा को कर सकते हैं। दिल्ली से कई बसें सीधा कटरा के लिए चलती हैं। आप पहले से बुकिंग कराकर अपनी यात्रा शुरू कर सकते हैं।

वैष्णो देवी में क्या खाएं

वैष्णो देवी में खाने-पीने के कई ऑप्शन मौजूद हैं। यहां जगह-जगह पर निःशुल्क भंडारे की व्यवस्था भी है। साथ ही श्राइन बोर्ड द्वारा पूरी यात्रा में छोटे-छोटे खाने के स्टॉप बनाए गए हैं। जहां आप बेहद सस्ते में कढ़ी चावल, राजमा चावल, रोटी सब्जी इत्यादि का स्वाद चख सकते हैं। चढ़ाई के दौरान भी रास्ते में चाय, मैगी और खाने की व्यवस्था है। आप दुकान पर रूककर इन्हें खा सकते हैं।

वैष्णो देवी कब जाएं

वैष्णो देवी जाने के लिए वैसे तो भक्तों की भीड़ साल भर लगी रहती है। लेकिन नवरात्रि और नए साल के मौके पर यहां बहुत ज़्यादा भीड़ होती है। ऐसे में भीड़ से बचने के लिए आप अक्टूबर से फरवरी के बीच में जा सकते हैं। इस समय ठंड ज़्यादा होती है तो गर्म कपड़े रखना न भूलें। वहीं बारिश के मौसम में यात्रा करने से बचें।

वैष्णो देवी में इन बातों का रखें खास ध्यान

अगर आप वैष्णो देवी जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें जैसे

•             माता वैष्णो देवी की यात्रा शुरू करने से पहले www.maavaishnodevi.org की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना ज़रूरी है। इससे आप रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी लाइन में लगने से बच सकते हैं।

 अगर आपने रजिस्ट्रेशन नहीं करवाई तो यात्रा पर्मिट के लिए आप रेलवे स्टेशन या बस अड्डा से यात्रा पर्मिट ले सकते हैं जिसके लिए आधार कार्ड या कोई भी सरकारी पहचान पत्र जरूरी होता है।

•             मंदिर परिसर में लैपटॉप, टेबलेट, खैनी, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, माचिस या लिक्विड जैसी चीज़े ले जाना सख्त मना है।

•             दर्शन की लाइन में जाने से पहले अपने जूते, चप्पल, चमड़े की बेल्ट, वॉलेट, लेडीज पर्स, प्लास्टिक कंघी और मोबाइल पहले ही जमा करा दें। आप वैष्णो देवी भवन में बने क्लॉक रूम में इसे जमा करा सकते हैं।

•             दर्शन की लाइन के गेट एंट्री पर आपको अपनी यात्रा पर्ची दिखानी होगी और यह यात्रा पर्ची आप से ले ली जाएगी। इसलिए यात्रा पर्ची को संभाल कर रखें।

•             यहां का मौसम ठंडा होता है इसलिए अपने साथ गर्म कपड़े ज़रूर रखें।
घर के लिए सामान प्रसाद खरीदते समय दुकानों पर मोल भाव करें क्योंकि यहां अधिकतर दुकानों पर मोलभाव कि गुंजाइश रहती है।

इन बातों का ध्यान रख आप वैष्णो देवी की अपनी यात्रा को यादगार बना सकते हैं और माता के भव्य दर्शन कर सकते हैं। इसके साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों को पाने के लिए आप मन घुमक्कड़ को फॉलो करना न भूलें। आप मन घुमक्कड़ को YouTube, Facebook और इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं।

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