22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित एक कायराना आतंकी हमला किया गया। इस हमले ने न केवल निर्दोष पर्यटकों की जान ली, बल्कि कश्मीर की शांति और पर्यटन पर भी गहरा आघात पहुँचाया है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश हिंदू थे। भारत सरकार ने पुष्टि की है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों का हाथ है।
हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं और 1960 की सिंधु जल संधि को भी स्थगित कर दिया है। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है और व्यापारिक संबंध न रखने का निर्णय लिया है।
लेकिन पाकिस्तान की इस कायरता से यह अहम सवाल खड़ा होता है कि इसका कश्मीर के पर्यटन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
इस हमले के बाद कश्मीर टूरिज्म को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। पहलगाम और श्रीनगर जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों, जहाँ मार्च महीने में ही पर्यटकों की भारी भीड़ थी, अब सुनसान पड़े हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 80 प्रतिशत से अधिक होटल बुकिंग्स रद्द की गई हैं।
कश्मीर के स्थानीय लोग, जिनकी आजीविका पूरी तरह पर्यटन पर निर्भर है, बेहद चिंतित हैं। उन्हें डर है कि अगर पर्यटक आना बंद कर देंगे तो उनके घरों में दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाएगा।
यह उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी के बाद से कश्मीर में पर्यटन काफी बढ़ा है। देश-विदेश से लोग यहाँ घूमने आ रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में कश्मीर के लोगों ने टेररिज़्म के बजाय टूरिज़्म को प्राथमिकता दी है, जिसका परिणाम यह रहा है कि आतंकी गतिविधियों में कमी देखी गई है।
क्या 2025 में अमरनाथ यात्रा करना सुरक्षित है?
कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि क्या इस वर्ष अमरनाथ यात्रा सुरक्षित होगी। इस वर्ष यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक निर्धारित है। भारत सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए कड़े इंतज़ाम किए हैं। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और बीमा कवरेज की व्यवस्था की है। इन ठोस कदमों को देखते हुए कहा जा सकता है कि 2025 में अमरनाथ यात्रा पहले से कहीं अधिक सुरक्षित है।
कश्मीर के समर्थन में उतरे अभिनेता
बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी ने हमले के बाद एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से अपील की कि डरें नहीं और कश्मीर की यात्रा करें। उन्होंने कहा, “अगली छुट्टी कश्मीर में ही होगी।” उनका यह संदेश कश्मीर के प्रति समर्थन और आतंक के विरुद्ध एक मजबूत प्रतिक्रिया है।
अभिनेता अतुल कुलकर्णी ने भी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि अगर पर्यटक कश्मीर नहीं आएंगे तो यह आतंकवादियों की जीत होगी, क्योंकि वे यही चाहते हैं कि कश्मीर से पर्यटन समाप्त हो जाए। यह समय है एकजुट होने का, और आतंकवादियों के मंसूबों को नाकाम करने का।
निष्कर्ष
कश्मीर प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक संपन्नता का प्रतीक है। यूँ ही मुगल बादशाह जहांगीर ने इसे धरती का स्वर्ग नहीं कहा था। लेकिन वर्षों से यह क्षेत्र पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की मार झेलता आ रहा है। हालाँकि हाल के वर्षों में यहाँ शांति और स्थिरता की दिशा में प्रगति हुई है।
अगर हम आतंकवाद के डर से कश्मीर की यात्रा बंद कर देंगे, तो यह उन आतंकियों की जीत होगी जो कश्मीर को हमेशा चोटिल देखना चाहते हैं।
इसलिए टीम मनघुमक्कड़ की ओर से अपील है कि हम कश्मीर की यात्रा करें, वहाँ के लोगों के साथ एकजुटता दिखाएँ और यह संदेश दें कि हम आतंक के सामने कभी नहीं झुकेंगे।